चलो एक दीप जलाये
चलो एक दीप जलाये , दीपमाला का हार माँ भारती को पहनाये ,
एक दीप जलाये , आशा और विश्वाश का ,
जिससे हो शंखनाद, बीमारियों के नाश का ,
एक दीप जलाये, प्रार्थना भाव लिए हर बेसहारो का
ना हो तड़प, उनके घरो में निवालो का ,
एक दीप जलाये, उन तम के अंधियारो का ,
जिससे सूरज सी रौशनी हो, धरती के उजालो का ,
एक दीप जलाये, जन जन के विश्वाश का ,
विनाश हो हर मानव के, मन से प्रतिसाद का ,
एक दीप जलाये, भाईचारे और प्यार का ,
अनुसरण करे सब, अच्छे गुणो और संस्कार का ,
एक दीप जलाये, मानवता के नाम का ,
महामारी से मुक्त, स्नेह प्रेम हो राष्ट्र का ,
आओ ५ अप्रैल की शाम विद्युत् बिजली न जलाये ,
चंद दियो की रौशनी से, देश को दीपावली सा जगमगाये ,
चलो एक दीप जलाये , दीपमाला का हार माँ भारती को पहनाये ।
अम्बिका दुबे
एक दीप जलाये , आशा और विश्वाश का ,
जिससे हो शंखनाद, बीमारियों के नाश का ,
एक दीप जलाये, प्रार्थना भाव लिए हर बेसहारो का
ना हो तड़प, उनके घरो में निवालो का ,
एक दीप जलाये, उन तम के अंधियारो का ,
जिससे सूरज सी रौशनी हो, धरती के उजालो का ,
एक दीप जलाये, जन जन के विश्वाश का ,
विनाश हो हर मानव के, मन से प्रतिसाद का ,
एक दीप जलाये, भाईचारे और प्यार का ,
अनुसरण करे सब, अच्छे गुणो और संस्कार का ,
एक दीप जलाये, मानवता के नाम का ,
महामारी से मुक्त, स्नेह प्रेम हो राष्ट्र का ,
आओ ५ अप्रैल की शाम विद्युत् बिजली न जलाये ,
चंद दियो की रौशनी से, देश को दीपावली सा जगमगाये ,
चलो एक दीप जलाये , दीपमाला का हार माँ भारती को पहनाये ।
अम्बिका दुबे
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