।। मैं हूं नारी ।।
ना ही थकी हू, ना कमज़ोर हू, और ना ही हू हारी,
मै एक मजबूत और पक्के इरादों की हू नारी,
मुसीबतें बस दो पल के लिए डराती है,
लेकिन हौसला तुरंत ही उन पर हावी हो जाती है ,
पूजोगे तो पत्थर की मूरत में करुणामय देवी हू,
दोगे चोट तो एक मजबूत चट्टान सी खड़ी हू मै,
मै एक अकेले तुम हज़ारों पर हू भारी , क्युकी,
मै एक मजबूत और पक्के इरादों की हू नारी,
लक्ष्य मेरा बहुत कुछ पाने और कर जाने का है,
दुनिया में खुद को एक मिसाल बनाने का है
आई थी खाली हाथ लेकिन ऐसे खाली हाथ ना जाऊंगी,
एक जोश एक ताकत एक बुलंद विचार हर महिला में भर जाउंगी,
सबमें होगा एक जोश होगी कोई ना बेचारी,
क्युकी,
मै एक मजबूत और पक्के इरादों की हू नारी,
चलो जी ले खुलकर ले बहती हवा में सांस जरा,
निकाल फेके उन गुबारो को जो है दिल में भरा,
वक्त हर दिन एक नई मुसीबत लाएगा,
लेकिन हमारे क़दमों को नहीं डगमगा पाएगा,
लो प्यार से सम्हाल हमें, ना बनो अत्याचारी,
क्युकी,
मै एक मजबूत और पक्के इरादों की हू नारी,
ना ही थकी हू, ना कमज़ोर हू, और ना ही हू हारी,
मै एक मजबूत और पक्के इरादों की हू नारी,
हा मै हू नारी।
अंबिका दूबे
Good
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